Sunday 26 May 2013

फोर्ब्स की लिस्ट भी फिक्स है.!!

बड्डे ने फि¨क्सग की खबरों के बीच ध्यान दिलाया कि बड़े भाई सोनिया गांधी दुनिया शीर्ष दस दमदार महिलाओं में शुमार हैं। टॉप में रहने के लिए जिन तत्वों की जरूरत है वह उनमें भरपूर है।
जिसकी आपूर्ति उनके दल के कारिंदे अंधभक्ति से भरपूर करते रहते हैं। वे तो बेचारे गडकरी थे, जो अपने साथियों से असहयोग की 'आपूर्ति' में निपट गए।
लेकिन भाजपाई इस मेरिट लिस्ट को लेकर शंका आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि क्रिकेट की तरह यह लिस्ट भी फिक्स है। वरना वर्मा की आंग सान सू की जिन्होंने अपना जीवन देश में डेमोक्रेसी के बरक्स होम कर दिया वे टॉप टेन से नदारत हैं। अपनी सुषमा स्वराज क्या कम कमजोर महिला हैं, जो उन्हें एकतरफा दरकिनार कर दिया गया। मायावती दलितों की उद्धारक बनकर निर्वाचित तरीके से तीन-तीन बार मुख्यमंत्री रहीं हैं। एक भाजपाई ने तो डाउट व्यक्त किया कि हो ना हो सोनिया पिछले वर्ष कई बार रहस्यमय अंदाज में, इलाज के आड़ में अमेरिका गईं जहां से फोर्ब्स पत्रिका भी प्रकाशित होती है और फिर पेड न्यूज से कोई भी मीडिया अछूता नहीं बड्डे।
बहरहाल, कुछ भी हो बड्डे पर अब कांग्रेस, भाजपा को दम दे सकती है कि हमारा नेता 'इंटरनेशनल टाईप' का है और तुम्हारा एक 'स्टेट टाईप' का।
दरअसल 'इनटरनली कांग्रेस इज वेरी डिसीप्लेन पार्टी एंड बीजेपी इज ओनली एक्सटरनली डिसीप्लेन पार्टी।' इसलिए भाजपा की कोई नेत्री फोर्ब्स जैसी पत्रिका में अंडर टेन में दखल नहीं दे पायी। 'एक्चुअली' बड्डे विदेशी जुबां और मीडिया जो कह दे वह देश-दुनिया के लिए किसी देववाणी से कमतर नहीं। फोर्ब्स पत्रिका की लिस्ट में दो महिलाएं मिशेल ओबामा और सोनिया गांधी इसलिए शामिल हैं कि एक राष्ट्रपति की पत्‍नी हैं तो दूसरी इसलिए कि वे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री बनाने का माद्दा रखती हैं। विदेशी मीडिया ने अपने प्रधानमंत्री को सोनिया का गुड्डा तक कह दिया था, लेकिन मनमोहन की किंचित मानहानि नहीं हुई, उल्टे उनका मौन इस सूत्र वाक्य को पुष्ट करता रहा कि 'मौनं स्वीकृतम लक्षणं'। अरे बड्डे ये मानहानि नहीं यह तो मेरिट है कि जो जितना बड़ा गुड्डा साबित होगा वह उतनी लम्बी पारी प्रधान पद की खेल सकेगा। मगर देश के सांसद लोकतंत्र के इस मंत्र को भांप न पाये कि चुप्प्प्प्प्पी के साथ निष्ठा और बेशर्मी का 'कॉम्बीनेशन' हर 'एम्बीशन' को मुकम्मल कर सकता है। इसलिए इस सूची में संशोधन कर उन्हें टॉप पर रखना चाहिए था, क्योंकि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को अपाईंट करा देने का माद्दा सोनिया के सिवा दुनिया में किसी महिला में नहीं। मगर बीजेपी के कुनबे में फुस्फुसाहट है कि फोर्ब्स की लिस्ट भी फिक्स है।

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