केजरीवाल इनदिनों ऐसी फुटबाल खेल रहे हैं जिसमें कभी किक कांग्रेस के
कारिंदों पर होती है तो कभी भाजपा के। देश के दोनों बड़े राजनैतिक दल सकते
में हैं।
राजनैतिक गंदगी की सफाई की लड़ाई में बाबा, अन्ना जैसों के बैकफुट में आने के बाद, फ्रंटफुट में आये केजरीवाल एक-एक को देख लेने की कसम खा चुके हैं। वे चुन-चुन के बड़े दामाद टाइप जो बिना कुछ करे चमत्कारिक सत्ता की दम पर करोड़ों लील गए,दाद देनी होगी दामाद की कि बड़ी साफ गोई से मुकर गये घपले के पचड़े से। एक चमचे टाईप मंत्री जो असहाय विकलांगों के हिस्से की रकम पर कुदृष्टि लगा बैठे और कुछ अध्यक्ष टाईप लोग जो किसानों की जमीनें और सिंचाई के पानी से खुद को तर करने में लिप्त हैं। कहते हैं कि ‘अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता’ पर केजरीवाल अकेले ही ऐसे चेहरों को बेनकाब करने में भिड़े हैं। वैसे यह सही समय है जो उन्होंने चुना है। दीपावली की पुताई में जहां घर-द्वार सफेदी से चमक रहे हैं वहांअकेजरीवाल इस सफेदी के पीछे छिपी कालिख को उजागर करने में जुटे हैं, ताकि देश भी जान समझ ले कैसे रातों रात 7 करोड़ से 54 करोड़ में बनाए जाते हैं। दामाद बनने के फायदे गिनाते हुए बड्डे बोले-बड़े भाई अफसोस है कि मैडम के एकई बिटिया थी, वरना हम भी अपने लड़के का प्रस्ताव प्रस्तावित तो कर ही देते। जब बर्तन का धंधा करने वाले का नम्बर लग सकता था तो अपना लड़का तो विदेश में साफ्टवेयर इंजीनियर है। वह इस रातो-रात मिलने वाली अकूत रकम को बड़े इत्मिनान से मैनेज कर लेता। कहीं चूं-चपड़ तक न होती और फिर कालाधन विदेश में ही महफूज रह सकता है। उधर काला धन का आंकड़ा देते, चीखते-चिल्लपों करते, बाबा, अन्ना जैसों के गले चोक हो चुके हैं। रहा सवाल केजरीवाल का तो उसको अपने चमचे टाईप मंत्री निपटा लेंगे। चमचे टाईप मंत्री फरुखाबाद आने की धमकी देकर खुले आम कह रहे हैं कि ‘रगों दौड़ते फिरने के हम नहीं कायल, जो आंख से ही न टपका वो लहू क्या है।’ खून की बातें खुले आम संविधान में शांति और व्यवस्था की सपथ खाये मंत्री करने लगे हैं, तो अपराधियों का क्या कहना। लेकिन बड्डे बोले‘अ पना केजरीवाल तो इंडियन टाईप का विकीलीक्स निकला।’ ‘अ’ से असांजे और ‘अ’ से अरविंद यानी केजरीवाल भारत के अरविंद असांजे हैं। ऐसी-ऐसी खबरें निकाल रहा है कि जैसे एक-एक की ऐसी-तैसी करके ही दम लेगा। वहां से भी जहां कभी शक की कोई गुंजाईश न थी। हो न हो, बसपा, सपा, तृणमल, डीएमके, जैसों पर भी जांच की आंच आयेगी। खैर अब तो देखने वाली बात है कि विकीलीक्स का इंडियन संस्करण और क्या-क्या गुल खिलाता है.!!!
राजनैतिक गंदगी की सफाई की लड़ाई में बाबा, अन्ना जैसों के बैकफुट में आने के बाद, फ्रंटफुट में आये केजरीवाल एक-एक को देख लेने की कसम खा चुके हैं। वे चुन-चुन के बड़े दामाद टाइप जो बिना कुछ करे चमत्कारिक सत्ता की दम पर करोड़ों लील गए,दाद देनी होगी दामाद की कि बड़ी साफ गोई से मुकर गये घपले के पचड़े से। एक चमचे टाईप मंत्री जो असहाय विकलांगों के हिस्से की रकम पर कुदृष्टि लगा बैठे और कुछ अध्यक्ष टाईप लोग जो किसानों की जमीनें और सिंचाई के पानी से खुद को तर करने में लिप्त हैं। कहते हैं कि ‘अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता’ पर केजरीवाल अकेले ही ऐसे चेहरों को बेनकाब करने में भिड़े हैं। वैसे यह सही समय है जो उन्होंने चुना है। दीपावली की पुताई में जहां घर-द्वार सफेदी से चमक रहे हैं वहांअकेजरीवाल इस सफेदी के पीछे छिपी कालिख को उजागर करने में जुटे हैं, ताकि देश भी जान समझ ले कैसे रातों रात 7 करोड़ से 54 करोड़ में बनाए जाते हैं। दामाद बनने के फायदे गिनाते हुए बड्डे बोले-बड़े भाई अफसोस है कि मैडम के एकई बिटिया थी, वरना हम भी अपने लड़के का प्रस्ताव प्रस्तावित तो कर ही देते। जब बर्तन का धंधा करने वाले का नम्बर लग सकता था तो अपना लड़का तो विदेश में साफ्टवेयर इंजीनियर है। वह इस रातो-रात मिलने वाली अकूत रकम को बड़े इत्मिनान से मैनेज कर लेता। कहीं चूं-चपड़ तक न होती और फिर कालाधन विदेश में ही महफूज रह सकता है। उधर काला धन का आंकड़ा देते, चीखते-चिल्लपों करते, बाबा, अन्ना जैसों के गले चोक हो चुके हैं। रहा सवाल केजरीवाल का तो उसको अपने चमचे टाईप मंत्री निपटा लेंगे। चमचे टाईप मंत्री फरुखाबाद आने की धमकी देकर खुले आम कह रहे हैं कि ‘रगों दौड़ते फिरने के हम नहीं कायल, जो आंख से ही न टपका वो लहू क्या है।’ खून की बातें खुले आम संविधान में शांति और व्यवस्था की सपथ खाये मंत्री करने लगे हैं, तो अपराधियों का क्या कहना। लेकिन बड्डे बोले‘अ पना केजरीवाल तो इंडियन टाईप का विकीलीक्स निकला।’ ‘अ’ से असांजे और ‘अ’ से अरविंद यानी केजरीवाल भारत के अरविंद असांजे हैं। ऐसी-ऐसी खबरें निकाल रहा है कि जैसे एक-एक की ऐसी-तैसी करके ही दम लेगा। वहां से भी जहां कभी शक की कोई गुंजाईश न थी। हो न हो, बसपा, सपा, तृणमल, डीएमके, जैसों पर भी जांच की आंच आयेगी। खैर अब तो देखने वाली बात है कि विकीलीक्स का इंडियन संस्करण और क्या-क्या गुल खिलाता है.!!!